इमरान खान जब तक माफी नहीं मांगते, तब तक उनसे कोई बातचीत नहीं होगी: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान जब तक अपनी ‘‘गलतियों को स्वीकार नहीं’’ कर लेते और सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते, तब तक सरकार और उनके बीच कोई बातचीत नहीं होगी.
‘जियो न्यूज’ के अनुसार, प्रधानमंत्री शरीफ ने मंगलवार को ‘नेशनल असेम्बली’ को संबोधित करते हुए खान को ‘‘धोखेबाज’’ करार दिया और कहा कि ऐसे किसी भी व्यक्ति से बात करना असंभव है, जिसने ‘‘देश को लूटा हो, न्यायपालिका पर हमला किया हो और जिसने संविधान एवं न्याय पर भरोसा नहीं किया.’’ पाकिस्तान के समक्ष मौजूद प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने और उन मुद्दों से निपटने के लिए दिशानिर्देश मुहैया कराने के लिए पिछले सप्ताह संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया था.
‘जियो न्यूज’ के अनुसार, शरीफ ने कहा, ‘‘मेरा मानना ??है कि उस व्यक्ति के साथ कोई बातचीत नहीं की जा सकती जो हर चीज पर-भले ही वह कोविड-19 हो, देश में आतंकवाद की स्थिति हो, शीर्ष समिति की बैठक हो या कश्मीर सम्मेलन हो- हर बार बातचीत के निमंत्रण को लगातार अस्वीकार करता रहा है.’’ पीटीआई प्रमुख खान संबंधी मामले की अदालती कार्यवाही के दौरान हाल में हुए हंगामे के मद्देनजर, शरीफ ने कहा कि कुछ ‘‘पसंदीदा’’ लोग किसी भी अदालत में पेश नहीं होते, भले ही उन्हें कितने भी नोटिस जारी क्यों न कर दिए जाएं. शरीफ ने कहा कि इमरान को ‘‘रात के अंधेरे में विभिन्न अदालतों में’’ राहत मिल जाती है और इससे ‘‘न्यायपालिका का मजाक बनता है.’’ उन्होंने खान पर देश को दिवालियापन की ओर ले जाने का आरोप लगाया.
न्यायपालिका पर दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के अधिकार कम करने का प्रयास : इमरान खान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के प्रधान न्यायाधीश के विवेकाधिकार को सीमित करने की कोशिश को लेकर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इसका मकसद न्यायपालिका पर दबाव बनाना है.
गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल पर 22 फरवरी के पंजाब व खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय चुनाव पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने मंगलवार को ‘‘ उच्चतम न्यायालय (कार्य व प्रक्रिया) अधिनियम- 2023 पेश किया.
जियो टीवी ने पीटीआई प्रमुख द्वारा मंगलवार को टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन के हवाले से कहा, ‘‘हम में से सभी न्यायिक सुधार चाहते हैं, लेकिन उनका (सत्तारूढ़ पीडीएम गठबंधन की पार्टियां) केवल एक लक्ष्य चुनाव से बचना है.’’
खान ने ट्वीट किया, ‘‘ अपराधियों का गिरोह पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय पर हमला कर रहा है ताकि उसकी ताकत को कम किया जा सके, इसका जनता ने मजबूती से विरोध किया और यह विरोध आगे भी जारी रहेगा.’’ खान (70)ने कहा कि मौजूदा सरकार जल्दबाजी में फैसले कर रही है ताकि न्यायपालिका पर दबाव बनाया जा सके. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में संविधान के अनुच्छेद 184 के तहत स्वत: संज्ञान लेने की शक्ति अदालत का मूल न्यायाधिकार क्षेत्र है.