ऑपरेशन सिंदूर: आतंकी ठिकानों पर बरपा कहर, मसूद अजहर का परिवार खत्म

नई दिल्ली । पाकिस्तान के भाड़े के आतंकियों द्वारा कश्मीर के पहलगाम में भारतीय महिलाओं के सिंदूर को मिटाने की बर्बर हरकत के 15 दिन बाद भारत ने करारा जवाब दिया है। 6 और 7 मई की दरमियानी रात भारतीय सशस्त्र बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकियों के 9 ठिकानों पर घातक ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनमें आतंकी ढांचे पूरी तरह तबाह हो गए।

इस ऑपरेशन में जैश प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और उसके चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं। खुद मसूद अजहर ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, “अच्छा होता कि मैं भी इस हमले में मारा जाता।” मसूद अजहर के बयान के अनुसार, हमले में उसकी बड़ी बहन, मौलाना कशफ का पूरा परिवार, मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते-पोतियां, बाजी सादिया के पति और उसकी सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे या तो मारे गए या गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बताया गया है कि ज्यादातर मृतक महिलाएं और बच्चे हैं।

हमले की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों को धर्म पूछकर निशाना बनाया था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। इस घटना के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था और प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि इस बार जवाब सर्जिकल नहीं, निर्णायक होगा।

सटीक लक्ष्य, तगड़ा वार
सेना के अनुसार, यह हमला “न्याय की मांग” नहीं, “इंसाफ की घोषणा” था। रात के अंधेरे में चले इस ऑपरेशन में हाई-प्रिसिशन ड्रोन, ब्रह्मोस मिसाइल और विशेष बलों की मदद से आतंक के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया। जिन जगहों पर हमला किया गया, उनमें मुजफ्फराबाद, कोटली, और बालाकोट जैसे पुराने आतंकी अड्डे शामिल हैं।

ऑपरेशन का संदेश
सेना ने बयान में कहा, “यह ऑपरेशन सिर्फ जवाब नहीं, संदेश है – अगर भारत की महिलाओं के सिंदूर पर हाथ डाला गया, तो जवाब सरहद पार मिलेगा।” रक्षा विशेषज्ञ इसे 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक से भी आगे का कदम मान रहे हैं।

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