एर्दोगन ने सूडान के युद्धरत पक्षों के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की

अंकारा (आईएएनएस)| सूडान में चल रही हिंसा को खत्म करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने उत्तर अफ्रीकी देश में युद्धरत पक्षों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, एर्दोगन ने गुरुवार को दो परस्पर विरोधी दलों के प्रमुखों — सूडान के सशस्त्र बलों (एसएएफ) के प्रमुख जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के कमांडर मोहम्मद हमदन दगालो के साथ अलग-अलग फोन पर बातचीत की।

एक बयान में कहा गया है कि एर्दोगन ने दोनों युद्धरत नेताओं से कहा कि तुर्की ने शुरुआत से ही सूडान में बदलाव प्रक्रिया का ईमानदारी से समर्थन किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि अंकारा इस अवधि के दौरान भी सूडान राष्ट्र के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि तुर्की संभावित मध्यस्थता पहलों की मेजबानी सहित किसी भी प्रकार का समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने बुरहान और हमदन दगालो से सूडान में तुर्की के नागरिकों और संस्थानों और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा है।

राजधानी खार्तूम में 15 अप्रैल को शुरू हुई हिंसा को समाप्त करने के लिए राजनयिक दबाव तेज हो गया है, और तब से सूडान के अन्य हिस्सों में हिंसा फैल गई। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और अन्य देश ईद-उल-फितर के मुस्लिम अवकाश के लिए तीन दिवसीय युद्धविराम पर जोर दे रहे हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, आरएसएफ ने कहा कि वह मानवीय आधार पर 72 घंटे के युद्धविराम पर सहमत हो गया है। लेकिन एसएएफ ने अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है। आरएसएफ ने कहा कि त्योहार के मौके पर शुक्रवार सुबह 6 बजे से युद्धविराम रहेगा।

बीबीसी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के हवाले से कहा कि ईद युद्धविराम, ‘लड़ाई’ से राहत प्रदान करने और स्थायी युद्धविराम का मार्ग प्रशस्त करने का पहला कदम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह युद्धविराम वर्तमान समय में महत्वपूर्ण है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी युद्धरत सैन्य नेताओं से कम से कम रविवार तक संघर्ष विराम में शामिल होने की अपील की। विदेश विभाग ने कहा कि ब्लिंकन ने अमेरिकी नागरिकों और राजनयिक कर्मियों को लड़ाई से होने वाले जोखिम के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की।

सूडानी सेना ने एक बयान में कहा, एर्दोगन के अलावा, जनरल बुरहान को दक्षिण सूडानी और इथियोपियाई नेताओं के साथ-साथ ब्लिंकन और सऊदी और कतरी विदेश मंत्रियों के फोन आए थे। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अशांति के परिणामस्वरूप 10,000 से 20,000 के बीच लोग, पड़ोसी देश चाड में सुरक्षा की तलाश में सूडान से भाग गए हैं। जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

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