तेल के बाद अब सऊदी अरब रेगिस्तान में कीमती धातुओं की कर रहा खोज
रियाद । सऊदी अरब में भले ही तेल का भंडार मौजूद है, लेकिन क्राउन प्रिंस अब रेगिस्तान में कीमती धातुओं की खोज में जुटे हुए हैं। बता दें कि सऊदी 80 साल पहले कुछ नहीं था। लेकिन तेल ने उसे आज दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बना दिया है। सऊदी में ज्यादातर पैसा तेल का है। लेकिन अब राजशाही अपनी तेल केंद्रित अर्थव्यवस्था को बदलना चाहती है। इसके लिए सऊदी के रेगिस्तानों में धन के एक नए स्रोत को खोजा जा रहा है। सऊदी क्राउन प्रिंस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं। इसके साथ ही वह रेगिस्तान में अरबों डॉलर के धातुओं को खोजने में लगे हैं। इस प्लान के जरिए सऊदी को एक धातु केंद्र बनाने की योजना है। यह वैश्विक उद्योग में बड़ी क्रांति होगी। अंतर्राष्ट्रीय खनन कंपनियां इस खोज में लगी हैं। अगर सऊदी का यह सपना आंशिक रूप से भी सफल हुआ तो इसका प्रभाव पूरी दुनिया में होगा। धातु खनन के साथ ही सऊदी अमेरिका, चीन और विकासशील देशों के और भी करीब पहुंच जाएगा।
ब्रिटिश खनन फर्म मोक्सिको रिसोर्सेज पीएलसी रियाद से 200 किमी दूर पश्चिम खनैगुइयाह में जस्ता और तांबे की खुली खदान को स्थापित करने में मदद कर रहा है। कंपनी में काम करने वाले स्विगर्स ने कहा कि मैंने पूरे अफ्रीका में खनन किया है और भूविज्ञान जानता हूं। यहां खनन करना अच्छा है। रिग से हम 200 मीटर की गहराई में पृथ्वी के नमूने लेते हैं। यह साइट उन्हीं की ओर इशारा करती है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2025 तक खनैगुइयाह साइट से पहले चरण में हर साल 1 लाख टन जस्ता और दस हजार टन तांबा सहित धातुओं का उत्पादन होगा। वैश्विक मानकों के हिसाब से यह बेहद कम है। चिली में इतनी धातु 18 घंटों में ही निकल जाती है।
स्थानीय तौर पर खदानों को खोजने के साथ-साथ सऊदी धातुओं की रिफाइनरी लगाने के प्लान पर विचार कर रहा है, जो ज्यादा आसान है। इससे लक्ष्य है कि धातुओं को कहीं और से खरीदा जाए और उसे सऊदी के अंदर रिफाइन करके बेचा जाए। सऊदी ने जुलाई में इंटरनेशनल माइनिंग के क्षेत्र में पहली बार भाग लिया। इसने ब्राजील में 3.4 अरब डॉलर का एक निवेश किया।