एक्सएल बुली कुत्तों पर पाबंदी लगाने की तैयारी में ब्रिटेन

लंदन। अमेरिकन एक्सएल बुली कुत्तों पर ब्रिटिश सरकार पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है। ब्रिटेन में इस नस्‍ल के कुत्‍तों ने कई लोगों पर हमला किया है। इनके हमले से से कुछ लोगों की मौत भी हो गई थी। इन हमलों के बाद ब्रिटेन में तीखी बहस छिड़ गई है कि पालतू जानवरों की हिंसा के लिए जानवर या उनके मालिक में से किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए?
ब्रिटेन के गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि कुत्‍तों की ये नस्ल खासतौर पर बच्‍चों के लिए बेहद घातक खतरा है। बता दें कि पिछले सप्‍ताह ब्रिटेन में एक 11 साल के बच्‍चे समेत तीन लोगों पर अमेरिकन एक्‍सएल बुली नस्‍ल के कुत्‍तों ने हमला कर दिया था। ब्रिटेन की सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि कुत्‍तों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्‍काल सलाह मांगी जा रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों और ऑनलाइन लिस्टिंग में बताया गया है कि एक्सएल बुली डॉग्‍स का वजन 60 किलोग्राम तक हो सकता है। इनकी कीमत 1,200 डॉलर से लेकर 12,000 डॉलर तक होती है। ब्रिटेन की बड़ी डॉग एसोसिएशंस आधिकारिक तौर पर इस नस्ल को मान्यता नहीं देती हैं। लेकिन, हाल के वर्षों में एक्सएल ने ब्रिटेन में काफी लोकप्रियता हासिल की है। काफी लोग इनके आकार और ताकत को स्‍टेटस सिंबल के तौर पर मानकर पालते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल ब्रिटेन में कुत्तों के 10 घातक हमलों में से आधे से ज्‍यादा एक्सएल बुली ने ही किए थे। बुली के हमले के एक फुटेज में बिना पट्टे वाला एक्सएल बुली इंग्लैंड के बर्मिंघम की सड़कों पर दौड़-दौड़कर लोगों को काट रहा है। इससे लोगों में अफरातफरी का माहौल बन गया था।
वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने बताया कि पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया, जबकि मालिक से पूछताछ की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्‍ल्‍यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, कुत्तों का हमला एक विश्वव्यापी मुद्दा है। इनमें हर साल लाखों लोग घायल होते हैं। कुत्‍तों के हमलों का सबसे ज्‍यादा खतरा बच्चों को होता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अमेरिका में हर साल करीब 45 लाख लोग कुत्तों के हमले का शिकार बनते हैं। ब्रिटेन में अगर किसी के पास विशेष अदालत की मंजूरी के बिना प्रतिबंधित नस्ल का कुत्ता है, तो पुलिस या स्थानीय अधिकारी उसे जब्त कर लेते हैं। फिर विशेषज्ञ आकलन करता है कि कुत्ता जोखिम भरा है या नहीं। कुछ मामलों में कुत्ते को मार दिया जाता है। कभी-कभी इसे मालिक को वापस दे दिया जाता है।
हालांकि, उसे कुत्‍ते को अपने पास रखने के लिए कड़े नियमों का पालन करना होता है। सार्वजनिक जगहों पर इसका मुंह हर समय बंद करना होता है।ब्रिटेन की सरकार अगर एक्सएल बुली पर प्रतिबंध लगा देती है तो यह डेंजरस डॉग एक्‍ट के तहत पाबंदी वाली कुत्‍तों की पांचवीं नस्‍ल हो जाएगी। इससे पहले ब्रिटिश सरकार पिट बुल टेरियर, जापानी टोसा, डोगो अर्जेंटीनो और फिला ब्रासीलीरो पर पाबंदी लगा चुकी है। स्‍पाइवी का कहना है कि कुत्‍तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नहीं बदलेगा। अगर आप वास्तविक परिवर्तन देखना चाहते हैं, तो आपको कुत्‍तों के गैर-जिम्‍मेदार मालिकों और विक्रेताओं पर सख्‍ती दिखानी होगी। वहीं, काफी लोगों ने प्रतिबंध का समर्थन किया है। लेकिन, एक्सएल बुली मालिकों समेत काफी लोगों ने सोशल मीडिया पर नस्ल का बचाव किया है।
बता दें कि अमेरिकन बुली केनेल क्लब नस्ल का कुत्‍ता होता है, जो अपनी भारी-भरकम कदकाठी के लिए दुनियाभर में पहचाना जाता है। ये नस्ल अमेरिकी पिट बुल टेरियर से जुड़ी हुई है। इसमें स्‍टैंडर्ड, पॉकेट, क्लासिक और एक्सएल शामिल हैं। अगर कोई बुली डाग 20 इंच से ज्‍यादा लम्बा है तो उसे एक्सएल के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है।

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