भाजपा के आदिवासी नेता मोहन माझी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
भुवनेश्वर. आदिवासी नेता एवं चार बार के विधायक मोहन चरण माझी ने बुधवार को यहां एक समारोह में ओडिशा के पहले भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हुए. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पटनागढ़ से विधायक केवी सिंह देव तथा निमापारा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बनीं प्रभाती परिदा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
पिछली विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक रहे 52 वर्षीय माझी हाल में हुए विधानसभा चुनाव में चौथी बार विधानसभा के लिए चुने गए. उन्होंने क्योंझर विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की. वह संथाल समुदाय से संबंध रखते हैं. जनता मैदान में राज्यपाल रघुबर दास ने माझी और उनकी मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. यह पहली बार है जब ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनी है. भाजपा को पहली बार ओडिशा में स्पष्ट जनादेश मिला जिससे नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) का 24 साल पुराना शासन खत्म हो गया.
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यह ओडिशा में एक ऐतिहासिक दिन है! ओडिशा की मेरी बहनों और भाइयों के आशीर्वाद से, भाजपा ओडिशा राज्य में अपनी पहली सरकार बना रही है. मैंने भुवनेश्वर में शपथग्रहण समारोह में भाग लिया.” उन्होंने कहा, “श्री मोहन चरण माझी को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर और श्री कनक वर्धन (के. वी.) सिंह देव के साथ-साथ श्रीमती प्रभाती परिदा को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई. मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अन्य लोगों को भी बधाई. महाप्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद से, मुझे विश्वास है कि यह टीम ओडिशा में रिकॉर्ड विकास करेगी और अनगिनत लोगों के जीवन में सुधार लाएगी.” समारोह में मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, भूपेन्द्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, जुएल उरांव, अश्विनी वैष्णव और अन्य शामिल हुए.
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश, गोवा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड सहित भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे. समारोह में ओडिशा के निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री माझी के नेतृत्व वाली 16 सदस्यीय मंत्रिपरिषद एक विविध समूह के रूप में नजर आई जिसमें माझी सहित चार आदिवासी, दो दलित और एक महिला शामिल हैं. माझी की मंत्रिपरिषद में दो उपमुख्यमंत्री, आठ कैबिनेट मंत्री और पांच राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं.
सुरेश पुजारी, रबिनारायण नाइक, नित्यानंद गोंड, कृष्ण चंद्र पात्र, पृथ्वीराज हरिचंदन, मुकेश महालिंग, बिभूति भूषण जेना और कृष्ण चंद्र महापात्र ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. गणेश राम सिंह खूंटिया, सूर्यबंशी सूरज, प्रदीप बालासनंता, गोकुला नंदा मल्लिक और संपद कुमार स्वैन ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र) के रूप में शपथ ली.
विधानसभा के लिए चुने गए 78 भाजपा सदस्यों में से केवल पांच महिलाएं हैं. सूत्रों ने संकेत दिया कि नयागढ़ जिले के रणपुर से निर्वाचित सुरमा पाढ़ी के विधानसभा अध्यक्ष बनने की उम्मीद है. मंत्रिपरिषद में चार सदस्य ओडिशा के पश्चिमी क्षेत्र से, मुख्यमंत्री सहित तीन उत्तरी क्षेत्र से, चार तटीय क्षेत्र से, तीन दक्षिणी क्षेत्र से और एक मध्य ओडिशा से हैं. राज्य की 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 78 सीट हासिल करके सत्ता में आई, जबकि पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद को 51, कांग्रेस को 14, माकपा को एक सीट मिली तथा तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे.
ओडिशा के दो उपमुख्यमंत्रियों ने ली शपथ, एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत है राजनीतिक अनुभव
ओडिशा में आज नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ जिसमें मोहन चरण माझी ने मुख्यमंत्री के पद पर और कनक वर्धन सिंहदेव और प्रभाती परिदा ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के पद पर शपथ ली. दोनों ही उपमुख्यमंत्रियों के पास एक-दूसरे के विपरीत राजनीतिक अनुभव है. के वी सिंह जहां छह बार विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके हैं, वहीं प्रभाती परिदा पहली बार विधायक बनी हैं.
पटनागढ. के पूर्ववर्ती शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले देव ने पटनागढ. विधानसभा सीट से लगातार छठी बार जीत हासिल की है. वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- बीजू जनता दल (बीजद) गठबंधन सरकार (2000-2009) के दौरान भारी एवं लोक उद्यम मंत्री के पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं. सिंहदेव की पत्नी संगीता कुमारी देवी भी बोलांगीर लोकसभा सीट से चार बार सांसद रही हैं. के.वी. सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की. उनके दादा आर.एन सिंह देव 1966 से 1971 तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे थे.
पटनागढ. के विधायक के बिल्कुल उलट प्रभाती परिदा को लगातार तीन बार हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अंतत: वह हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार निमापारा सीट से विधायक चुनी गईं. उन्होंने 1995 में उत्कल विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और उसी साल उन्होंने उड़ीसा उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के तौर पर काम शुरू किया. इसके अलावा परिदा ने 2005 में विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की. सिंह देव ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की नयी सरकार ओडिशा को देश का नंबर एक राज्य बनाने की दिशा में काम करेगी.
प्रभाती परिदा ने कहा, ”मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझे राज्य की सेवा करने का मौका दिया. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए गए वादों को जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाया जाए.” ओडिशा में भाजपा ने 147 विधानसभा सीटों में से 78 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की और नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद की 24 साल पुरानी सरकार को बेदखल कर दिया.