देश में जल्द लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड और वन नेशन-वन इलेक्शन : प्रधानमंत्री
15 अगस्त यानी आज भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। यह देश के नाम उनका लगातार 11वां संबोधन था और लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद उनका पहला संबोधन। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। इस बार खास बात यह है कि पेरिस ओलंपिक 2024 में हिस्सा लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों को भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया।
लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा कि सेकुलर सिविल कोड समय की मांग है। धर्म के आधार पर भेदभाव मुक्ति जरूरी है। परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति जरूरी है। गलत कानूनों का आधुनिक समाज में स्थान नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है। मौजूदा सिविल कोड एक तरह से कम्यूनल सिविल कोड है। हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो। जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं। ऐसे कानूनी आधुनिक समाज नहीं बनाते। कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा। तब जाकर हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी.
वन नेशन-वन इलेक्शन पर सभी राजनीतिक दलों से साथ आने को कहा
वहीं वन नेशन-वन इलेक्शन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बार-बार चुनाव प्रगति को रोक रहे हैं। हर योजना चुनाव के रंग से रंग दिया गया। सभी दलों ने अपने विचार रखें हैं। एक कमेटी ने रिपोर्ट बनाई। वन नेशन वन इलेक्शन सामने आया है। इस सपने को साकार करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से साथ आने को कहता हूं।
कुछ लोग हैं, जो भारत का भला नहीं सोच सकते: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा,’हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते, जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा. ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।