Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से
नई दिल्ली: Parliament Winter Session: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया है कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। सत्र की शुरुआत में परंपरागत तरीके से राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। इसके अलावा शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदनों में कई अहम विधेयकों पर विचार किया जा सकता है। खबरों के मुताबिक सरकार ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर चर्चा करा सकती है। संसदीय परिपाटी के मुताबिक संसद सत्र के पहले सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाई जा सके, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार और लोकसभा स्पीकर सर्वदलीय बैठक भी कर सकते हैं।
संसद में किन मुद्दों पर चर्चा के आसार
Parliament Winter Session: इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।
केंद्रीय कक्ष में विशेष बैठक का आयोजन
सरकारी सूत्रों के मुताबिक 26 नवंबर को संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में विशेष संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाएगा। संविधान के महत्व को रेखांकित करने के लिए सरकार ने व्यापक योजना बनाई है। इसके तहत कई भित्त चित्र का निर्माण, संविधान सभा की बहसों का लगभग दो दर्जन भाषाओं में अनुवाद करना और सार्वजनिक मार्च का आयोजन जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। यह आयोजन ऐसे समय में होने जा रहा है जब सरकार और विपक्ष के बीच संविधान रक्षक बनने और एक दूसरे को संविधान विरोधी साबित करने की होड़ मची है।
जेपीसी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी
Parliament Winter Session: सत्र के दौरान हालांकि कई विधेयक पेश किए जाएंगे, मगर सबकी निगाहें वक्फ विधेयक और एक देश एक चुनाव विधेयक पर होगी। वक्फ विधेयक पर सरकार और विपक्ष के बीच जारी जबर्दस्त खींचतान के बीच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। दूसरी ओर एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। दोनों ही विधेयकों का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है।
चीन से समझौते पर विदेश मंत्री देंगे बयान
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब चार साल से जारी तनातनी के बीच चीन से बनी सहमति पर विदेश मंत्री एस जयशंकर संसद के दोनों सदनों में बयान देंगे। गौरतलब है कि लंबी खींचतान के बाद एलएसी पर दोनों देशों की सेना ने गश्त की शुरुआत की है। इसके अलावा इसी सत्र में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने संबंधी विधेयक के भी पेश होने के आसार हैं।