जेल में संदिग्ध आतंकवादी के मोबाइल इस्तेमाल की जांच NIA को सौंपी जानी चाहिए: भाजपा नेता


बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने मंगलवार को कहा कि यहां परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार में एक संदिग्ध आतंकवादी द्वारा कथित तौर पर मोबाइल का इस्तेमाल किए जाने के मामले को विस्तृत जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दिया जाना चाहिए.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जानी चाहिए कि संदिग्ध आतंकवादी फोन पर किसके संपर्क में था. उन्होंने सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट से जुड़े संदिग्ध और इस संदिग्ध आतंकवादी के बीच किसी तरह का संबंध होने का संदेह व्यक्त किया.
हाल ही में कुछ वीडियो सामने आए थे, जिनमें बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में कथित तौर पर कुख्यात अपराधियों और एक संदिग्ध आतंकवादी सहित विभिन्न कैदियों को स्मार्टफोन और निजी टेलीविजन सेट जैसी विशेष सुविधाओं का आनंद लेते हुए देखा जा सकता था. वीडियो सामने आने के बाद विवाद पैदा हो गया. पिछले सप्ताह सामने आए वीडियो में कथित तौर पर कुख्यात अपराधियों को स्मार्टफोन का उपयोग करते हुए दिखाया गया था, जिसमें बलात्कार के आरोपी उमेश रेड्डी और एक संदिग्ध आतंकवादी- जुहाद हमीद शकील मन्ना शामिल था.
अशोक ने कहा, ”संदेह है कि दिल्ली में हुई घटना एक आतंकवादी घटना थी. इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस घटना के सिलसिले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. इसी बीच एक घटना सामने आई है जिसमें एक संदिग्ध आतंकवादी परप्पना अग्रहारा जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता दिखाई दिया है.” यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “इस बात की जांच होनी चाहिए कि परप्पना अग्रहारा जेल में बंद संदिग्ध आतंकवादी का दिल्ली विस्फोट के अपराधियों से कोई संबंध है या नहीं. क्या वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इसमें शामिल था? यह बहुत महत्वपूर्ण है. इस कोण से भी जांच होनी चाहिए. जांच एनआईए को सौंपी जानी चाहिए.”
अशोक ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा, ”वह फोन पर किससे बात कर रहा था? उसे फोन किसने दिया? इसके पीछे कौन है? यह सब सामने आना चाहिए. यह देशद्रोह का कृत्य है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है.” चिकित्सकों और अन्य उच्च शिक्षित लोगों के आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का उल्लेख करते हुए, भाजपा नेता ने दिल्ली विस्फोट की घटना का हवाला दिया और कहा कि वे ”हाई-टेक आतंकवादी” हैं और उनके प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा एक विशेष समुदाय का तुष्टीकरण ही इन सबका मूल कारण है.





